खेमका का स्थानातरण एक ठिठोली ?
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा एवं डीएलएफ के बीच हुई भूमि समझौते की जांच का आदेश देने के कुछ घटों के भीतर ही हरियाणा सरकार ने आईजी रजिस्ट्रेशन आइएएस अधिकारी अशोक खेमका का स्थानातरण कर दिया। उधर, कुछ अज्ञात लोगों द्वारा खेमका को फोन पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा एवं डीएलएफ के बीच हुई भूमि समझौते की जांच का आदेश देने के कुछ घटों के भीतर ही हरियाणा सरकार ने आईजी रजिस्ट्रेशन आइएएस अधिकारी अशोक खेमका का स्थानातरण कर दिया। उधर, कुछ अज्ञात लोगों द्वारा खेमका को फोन पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है।
अशोक खेमका के निकटस्थ मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता के अनुसार खेमका को अज्ञात लोगों के धमकी भरे फोन आ रहे हैं और जिसमे उन्हें अपनी गतिविधियों पर लगाम लगाने की चेतावनी दी जा रही है। बात नहीं मानने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। फोन के माध्यम से यहां तक कहा जा रहा है कि अपराध जगत के लोगों को उनके नाम की सुपारी तक दे दी गई है।
उल्लेखनीय है कि खेमका ने डीएलफ-वाड्रा के बीच हरियाणा के चार जिलों गुड़गाव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात में हुई भूमि की क्रय-बिक्री की जाच आरंभ करवाई थी। उन्होंने 15 अक्टूबर को ही मानेसर-शिकोहपुर की उस साढ़े तीन एकड़ भूमि का उत्परिवर्तन रद्द किया था, जिसे वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने डीएलएफ को 58 करोड़ में बेचा था। जाच में इस सौदे में अनियमितता पाई गई थी। भू समझौते को रद्द करने वाले अभिलेख बताते हैं कि भूमि बिक्री के पत्रों पर अनधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर पाए गए हैं। विगत 21 वर्षों में खेमका का 40 बार स्थानांतरण हो चुका है।जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
Oct 13, 2012 (days) 667 Thanks all.
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