Saturday, November 17, 2012
बाला साहब ठाकरे राष्ट्रप्रहरी थे।
निर्मल ह्रदय, स्पष्टवक्ता, हिन्दूत्ववादी राष्ट्रप्रहरी, बाला साहब ठाकरे का अनन्त में समा जाना, परिवार, देश व हिन्दूत्व के लिए असहनीय क्षति है, परमात्मा उनकी आत्मा को शांति व हम सब को दुख सहने की क्षमता प्रदान करें। आप सदा हमारे ह्रदय में प्रकाश बनके समाये रहेंगे ।
Saturday, November 10, 2012
सार्थक दीपावली सन्देश
सार्थक दीपावली सन्देश:సార్థక దీపావలీ సన్దేశ , ஸார்தக தீபாவலீ ஸந்தேஸ , ಸಾರ್ಥಕ ದೀಪಾವಲೀ ಸನ್ದೇಶ , സാര്ഥക ദീപാവലീ സന്ദേശ ,সার্থক দীপাবলী সন্দেশ,
...Pl. Like it, join it, share it. Tag 50युगदर्पण का सार्थक दीपावली सन्देश: सार्थक दिपावली का अर्थ ?

दशहरा यदि सत्य का असत्य पर विजय का प्रतीक है, तो दीपावली प्रकाश का अन्धकार पर। आइयें, इस के लिये संकल्प लें: भ्रम के जाल को तोड़, अज्ञान के अंधकार को मिटा कर, ज्ञान का प्रकाश फेलाएं। आइये, शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।
यह दीपावली भारतीय जीवन से आतंकवाद, अवसरवाद, महंगाई, भ्रष्टाचार आदि की अमावस में, सत्य का दीपक जला कर धर्म व सत्य का प्रकाश फैलाये तथा भारत को सोने की चिड़िया का खोया वैभव, पुन:प्राप्त हो! अखिल विश्व में फैले सम्पूर्ण हिन्दू समाज के आप सभी को सपरिवार, युगदर्पण परिवार की ओर से दीपावली की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं।
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है -इस देश को लुटने से बचाने तथा बिकाऊ मेकालेवादी, मीडिया का एक मात्र सार्थक, व्यापक, विकल्प -राष्ट्र वादी मीडिया |अँधेरे के साम्राज्य से बाहर का एक मार्ग...remain connected to -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ... yugdarpan.com
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |Tuesday, November 6, 2012
युगदर्पण के 50 हजारी होने पर
युगदर्पण के 50 हजारी होने पर आप सभी को हार्दिक बधाई व धन्यवाद। युग दर्पण ब्लाग पर बने, हमारे ब्लाग को 49 देशों के 3640, तथा राष्ट्र दर्पण पर 33 देशों के 1693, आप लोगों ने 4 नव.11 प्रथम 1 1/2 वर्षों में 10 हज़ार बार खोला व हमें 10 हजारी बनाया था। अब 4 नव.12 तक केवल एक वर्ष में, 63 देशों के 6360, तथा 51 देशों के 4100+ आप लोगों ने हमें 50 हजारी कर दिया है। आप सभी केवल हार्दिक बधाई व धन्यवाद के पात्र नहीं, हमआपका हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. तिलक रेलन 9911111611 ... yugdarpan.com
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
Wednesday, October 31, 2012
अँधेरे का साम्राज्य ? भाग-3,
अँधेरे का साम्राज्य ? भाग-3, ...Pl. Like it, join it, share it. Tag 50 frnds.
नितिन गडकरी को त्यागपत्र नहीं देना चाहिए, क्यों ?
भाजपा का चाल चरित्र चेहरा:- सीता माँ के चरित्र पर, मात्र एक धोबी के ऊँगली उठाने पर, उनके परित्याग को आज त्याग नहीं माना जाता ! अत; भगवान् राम के आदर्श का पालन करते, जब जब भाजपा ने नैतिकता की दुहाई के नाम पर, शर्मनिरपेक्ष मीडिया के ऊँगली उठाने पर, आदर्श व नैतिक श्रेष्ठता का पालन करते, अपने नेत्रत्व में परिवर्तन किया, परिणाम क्या हुआ ? नैतिक बल ऊपर नहीं हुआ, हीन भावना से ग्रसित, नैतिक रूप से कमज़ोर और हंसी की पात्र हो गयी ! तहलका जैसी बिकी हुई संस्थाओं के दबाव में अपने कई श्रेष्ठ नेता कल्याण का कल्याण कर, मदन लाल खुराना, बंगारू लक्ष्मण, विजय राजे, येदुरप्पा, रमेश पोखरियाल, को अपने से दूर कर दिया ! शर्मनिरपेक्ष मीडिया के शर्मनिरपेक्ष पत्रकार, भाजपा का मान मर्दन करते रहे ! "चाल चरित्र चेहरा" उपहास का विषय बना रहा ! जैसे कि त्यागपत्र देना या दिलवा कर, नैतिक श्रेष्ठता नहीं, अपराध कर लिया हो ! और यही कारण रहा, जिससे भाजपा के नेताओं की जनता का सामना करने की क्षमता कम हुई ! "चाल चरित्र चेहरा" भिन्न होकर भी, अपमान और कलंक झेलते रहे ? अपने गढ़ व सत्ता, उ.प्र., दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड में खो दिये ! उमाँ भारती के साथ म.प्र. चला गया था, जाकर आया है ! बंगलोर को दक्षिणी गढ़ न बना सके ? ये सब करने के बाद भी, किसी पत्रकार के मुह से कभी ये सुना, कि हाँ, भाजपा ही ऐसी पार्टी है, जो कम से कम दागी लोगों पर कार्यवाही तो करती है ? इसके विपरीत, केवल गुजरात में मोदी के रूप में हमने सामना किया, उसके परिणाम सत्ता और छवि की रक्षा करने में सफल रहे ! सक्षम रूप से उभर कर आगे आये !
शर्मनिरपेक्ष कांग्रेस -मीडिया -आतंकी, गठजोड :-इसके ठीक विपरीत, सब जानते हैं, कालांतर में नेहरु, इंदिरा, 1984 के दंगे के जगदीश टाइटलर से लेकर आज के चिदम्बरम और खुर्शीद तक, सेकड़ों घोटालों में फंसे बड़े बड़े नेताओं को कांग्रेस ने हर बार, शर्मनिरपेक्षता की सारी सीमायें पार कर बचाया ! पहले तो कई बार इस्तीफ़ा दिलवाने का नाटक कर लेते थे, उसके बदले संगठन का पद दे कर, अब कम करते हैं ! वे विगत 65 वर्ष से इस देश पर, लूट का राज चला रहे हैं ! उन्हें इसके कारण कभी भी नीचा नहीं देखना पड़ा ? शर्मनिरपेक्ष बिकाऊ मीडिया साथ है, न ! जन समर्थन कम रह जाये, चोर चोर मोसेरे भाई कई मिल जाते हैं ! गंदे से गंदे समय में तंत्र मुट्ठी में है ! वहां तक बात जाने नहीं देते, जनता को मुर्ख बनाने के कई रास्ते हैं, हम मुर्ख बनते भी हैं ! इसका भरपूर लाभ आतंकी भी उठाते हैं !
भाजपा शासित -कांग्रेस शासित, राज्य का अंतर :- अंधे भी शासन का अंतर साफ देख कर सकते हैं, भ्रम के ग्रसित हम अकल के अंधे नहीं ! कालांतर में कभी कोई अफज़ल, कसाब तथा उनके मानवाधिकार नामक समर्थको का आतंकी नाग डसता है ! कभी कोई शर्मनिरपेक्षता का रावण, भिन्न भिन्न कानून के रूप में या भिन्न भिन्न न्याय के रूप में हमें छलता है ! जब पाखंडी खुजली, तीस्ता सीतलवाद अब जालसाज दमानिया जैसे मक्कारों के फरेब का साथ देता है ! इन सब को हम भिन्न भिन्न घटनाएँ न माने, मेकाले के 1935 से चले आ रहे, एक घिनोने व्यापक कुचक्र का अभिन्न अंग समझें ! ये सब उसके शर्मनिरपेक्ष पात्र हैं ! जो अपनी लकीर बड़ी करना नहीं, दूसरे की लकीर छोटी दर्शाना जानते हैं, वो इस धारणा को सिद्ध करना चाहते हैं, कि सारे दल भ्रष्ट व सारे नेता चोर हैं ! तभी तो अँधेरे का साम्राज्य बना रहेगा ! पूरे समाज में ही मूल्यों की जो गिरावट हुई है, उसका मूल कारण भी यही शर्मनिरपेक्षता है !
मुद्दा ये है, कि इस प्रकार, क्या गडकरी व हर नेता को हटाने से भाजपा भ्रष्टाचार की लड़ाई का नेत्रत्व कर पाएगी ? इस चक्रव्यह का लक्ष्य सनातन धर्म व परम्परा का साथ देने वाले सभी हैं ! यह चक्रव्यह कांग्रेस और कांग्रेस शासित सत्ता के समर्थन से भाजपा और भाजपा शासित सत्ता के विरूद्ध निरन्तर चल रहा है !
यह अंतर जब तक हम समझ नहीं लेते, अँधेरे का साम्राज्य बना रहेगा ! -तिलक
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है | https://www.facebook.com/groups/549281355089431/
नितिन गडकरी को त्यागपत्र नहीं देना चाहिए, क्यों ?
भाजपा का चाल चरित्र चेहरा:- सीता माँ के चरित्र पर, मात्र एक धोबी के ऊँगली उठाने पर, उनके परित्याग को आज त्याग नहीं माना जाता ! अत; भगवान् राम के आदर्श का पालन करते, जब जब भाजपा ने नैतिकता की दुहाई के नाम पर, शर्मनिरपेक्ष मीडिया के ऊँगली उठाने पर, आदर्श व नैतिक श्रेष्ठता का पालन करते, अपने नेत्रत्व में परिवर्तन किया, परिणाम क्या हुआ ? नैतिक बल ऊपर नहीं हुआ, हीन भावना से ग्रसित, नैतिक रूप से कमज़ोर और हंसी की पात्र हो गयी ! तहलका जैसी बिकी हुई संस्थाओं के दबाव में अपने कई श्रेष्ठ नेता कल्याण का कल्याण कर, मदन लाल खुराना, बंगारू लक्ष्मण, विजय राजे, येदुरप्पा, रमेश पोखरियाल, को अपने से दूर कर दिया ! शर्मनिरपेक्ष मीडिया के शर्मनिरपेक्ष पत्रकार, भाजपा का मान मर्दन करते रहे ! "चाल चरित्र चेहरा" उपहास का विषय बना रहा ! जैसे कि त्यागपत्र देना या दिलवा कर, नैतिक श्रेष्ठता नहीं, अपराध कर लिया हो ! और यही कारण रहा, जिससे भाजपा के नेताओं की जनता का सामना करने की क्षमता कम हुई ! "चाल चरित्र चेहरा" भिन्न होकर भी, अपमान और कलंक झेलते रहे ? अपने गढ़ व सत्ता, उ.प्र., दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड में खो दिये ! उमाँ भारती के साथ म.प्र. चला गया था, जाकर आया है ! बंगलोर को दक्षिणी गढ़ न बना सके ? ये सब करने के बाद भी, किसी पत्रकार के मुह से कभी ये सुना, कि हाँ, भाजपा ही ऐसी पार्टी है, जो कम से कम दागी लोगों पर कार्यवाही तो करती है ? इसके विपरीत, केवल गुजरात में मोदी के रूप में हमने सामना किया, उसके परिणाम सत्ता और छवि की रक्षा करने में सफल रहे ! सक्षम रूप से उभर कर आगे आये !
शर्मनिरपेक्ष कांग्रेस -मीडिया -आतंकी, गठजोड :-इसके ठीक विपरीत, सब जानते हैं, कालांतर में नेहरु, इंदिरा, 1984 के दंगे के जगदीश टाइटलर से लेकर आज के चिदम्बरम और खुर्शीद तक, सेकड़ों घोटालों में फंसे बड़े बड़े नेताओं को कांग्रेस ने हर बार, शर्मनिरपेक्षता की सारी सीमायें पार कर बचाया ! पहले तो कई बार इस्तीफ़ा दिलवाने का नाटक कर लेते थे, उसके बदले संगठन का पद दे कर, अब कम करते हैं ! वे विगत 65 वर्ष से इस देश पर, लूट का राज चला रहे हैं ! उन्हें इसके कारण कभी भी नीचा नहीं देखना पड़ा ? शर्मनिरपेक्ष बिकाऊ मीडिया साथ है, न ! जन समर्थन कम रह जाये, चोर चोर मोसेरे भाई कई मिल जाते हैं ! गंदे से गंदे समय में तंत्र मुट्ठी में है ! वहां तक बात जाने नहीं देते, जनता को मुर्ख बनाने के कई रास्ते हैं, हम मुर्ख बनते भी हैं ! इसका भरपूर लाभ आतंकी भी उठाते हैं !
भाजपा शासित -कांग्रेस शासित, राज्य का अंतर :- अंधे भी शासन का अंतर साफ देख कर सकते हैं, भ्रम के ग्रसित हम अकल के अंधे नहीं ! कालांतर में कभी कोई अफज़ल, कसाब तथा उनके मानवाधिकार नामक समर्थको का आतंकी नाग डसता है ! कभी कोई शर्मनिरपेक्षता का रावण, भिन्न भिन्न कानून के रूप में या भिन्न भिन्न न्याय के रूप में हमें छलता है ! जब पाखंडी खुजली, तीस्ता सीतलवाद अब जालसाज दमानिया जैसे मक्कारों के फरेब का साथ देता है ! इन सब को हम भिन्न भिन्न घटनाएँ न माने, मेकाले के 1935 से चले आ रहे, एक घिनोने व्यापक कुचक्र का अभिन्न अंग समझें ! ये सब उसके शर्मनिरपेक्ष पात्र हैं ! जो अपनी लकीर बड़ी करना नहीं, दूसरे की लकीर छोटी दर्शाना जानते हैं, वो इस धारणा को सिद्ध करना चाहते हैं, कि सारे दल भ्रष्ट व सारे नेता चोर हैं ! तभी तो अँधेरे का साम्राज्य बना रहेगा ! पूरे समाज में ही मूल्यों की जो गिरावट हुई है, उसका मूल कारण भी यही शर्मनिरपेक्षता है !
मुद्दा ये है, कि इस प्रकार, क्या गडकरी व हर नेता को हटाने से भाजपा भ्रष्टाचार की लड़ाई का नेत्रत्व कर पाएगी ? इस चक्रव्यह का लक्ष्य सनातन धर्म व परम्परा का साथ देने वाले सभी हैं ! यह चक्रव्यह कांग्रेस और कांग्रेस शासित सत्ता के समर्थन से भाजपा और भाजपा शासित सत्ता के विरूद्ध निरन्तर चल रहा है !
यह अंतर जब तक हम समझ नहीं लेते, अँधेरे का साम्राज्य बना रहेगा ! -तिलक
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Friday, October 19, 2012
अब जालसाज दमानिया अर्थात तीस्ता सीतलवाद -2
अब जालसाज दमानिया अर्थात तीस्ता सीतलवाद -2
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
भूमि जंजाल में स्वयं भी फंसीं अंजलि दमानिया -
नई दिल्ली।। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी पर किसानों की भूमि 'हड़पने' का कथित आरोप लगाने वालीं, अंजलि दमानिया, स्वयं भी इसी तरह के विवाद में घिर गई हैं। इंडिया अंगेस्ट करप्शन (आईएसी) की दमानिया पर आरोप है कि उन्होंने खेती की भूमि खरीदने के लिए, स्वयं को गलत ढंग से किसान प्रमानित किया और बाद में भूमि का उपयोग ('लैंड यूज') बदलवा कर, उसे प्लॉट बना कर बेच दिया। क्या यह सत्य नहीं है ?
उल्लेखनीय है कि वास्तव में, आईएसी की नई 'मख्य नेत्री' अंजली दमानिया का एक परिचय और भी है। वह 'एसवीवी डिवेलपर्स' की निदेशक भी हैं। जिस जगह उन्होंने गडकरी पर भूमि हड़पने का आरोप लगाया है, उसी के आसपास दमानिया की भी 30 एकड़ भूमि है। दमानिया ने 2007 में 'करजत तालुका के कोंडिवाडे गांव' में आदिवासी किसानों से उल्हास नदी के पास भूमि खरीदीं। आदिवासियों से भूमि खरीदने की शर्त पूरी करने के लिए, उन्होंने पास के कलसे गांव में पहले से किसानी करने का प्रमाणपत्र जमा किया।
क्या यह सत्य नहीं है ? अपनी 30 एकड़ की भूमि के पास ही, दमानिया ने 2007 में खेती की 7 एकड़ भूमि और खरीदी थी, जिसका उपयोग बदलकर उन्होंने बेच दिया। करजत के दो किसानों से उन्होंने भूमि लेते समय खेती करने का वादा किया था, लेकिन बाद में उस भूमि पर प्लॉट काटकर बेच दिए। दमानिया के अनुसार, रायगढ़ के जिलाधीश ने भूमि का उपयोग बदलने की अनुमति दी थी। क्या यह आलेख सही और पूरी जानकारी देकर बने है ?
इस बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर दमानिया ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया। उन्होंने बताया, "मैंने 2007 में खेती की भूमि खरीदी थी और इसके बाद रायगढ़ के जिलाधीश कार्यालय में उपयोग बदलने के लिए आवेदन किया था । 2011 में इसे स्वीकार कर लिया गया और इसके बाद 37 प्लॉट बेचे गए।" वे इस बारे में सारे आलेख दिखाने को तैयार है। यदि कोई सोचता है कि मैंने कुछ गलत किया है, तो फिर भूमि उपयोग बदलने का सरकार का नियम गलत है। युग दर्पण की मान्यता है, कि यदि यह सरकार के नियम का गलत उपयोग है, तो आदिवासियों के हक़ हड़पने का कार्य, 420 का कार्य है।
उल्लेखनीय यह भी है कि पहले दमानिया और गडकरी के बीच अच्छे मित्रवत सम्बन्ध थे, लेकिन प्रस्तावित कोंधवाने डैम में पड़ रही 30 एकड़ भूमि बचाने में गडकरी से 'भरपूर मदद' न मिलने के कारण वह भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल बैठीं। दमानिया ने सिंचाई विभाग को प्रस्तावित डैम को 500 से 700 मीटर स्थानांतरित करने का आग्रह किया, ताकि उनकी (?) भूमि बच सके। उन्होंने 10 जून 2011 को लिखी चिट्ठी में कहा, 'सरकार सर्वे के द्वारा जान सकती है, कि यहां 700 मीटर के आसपास कोई निजी भूमि नहीं है, केवल आदिवासियों की भूमि हैं। हमें पूरा विश्वास है, वह पर्याप्त मुआवजा देकर अधिग्रहीत की जा सकती हैं।' उन्होंने चिट्ठी में लिखा, कि यदि उनकी (?) भूमि बच गई, तो उनका जीवन बच जाएगा।
आरोप है, कि इससे बात न बनने पर, दमानिया ने गडकरी से भी पैरवी की चिट्ठी सिंचाई विभाग को लिखवाई, लेकिन यह भी काम न आया। गडकरी की चिट्ठी से भी बात न बनने के बाद, दमानिया ने सिंचाई विभाग के घोटाले को प्रकट करने की ठान ली, लेकिन इसमें गडकरी ने कोई सहायता करने से मना कर दिया। यहीं से दमानिया की गडकरी से लडाई शुरू हो गई। नए प्रकटकरण से यह प्रशन उठने लगे हैं, कि दमानिया सरकार की सहायता से, गडकरी पर किसानों की भूमि हड़पने का आरोप लगा रही हैं, लेकिन उनकी नैतिकता उस समय कहां थी, जब उन्होंने अपनी भूमि बचाने के लिए, आदिवासियों की भूमि अधिग्रहीत करने की मांग की थी ।
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
Tuesday, October 16, 2012
खेमका का स्थानातरण एक ठिठोली ?
खेमका का स्थानातरण एक ठिठोली ?
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा एवं डीएलएफ के बीच हुई भूमि समझौते की जांच का आदेश देने के कुछ घटों के भीतर ही हरियाणा सरकार ने आईजी रजिस्ट्रेशन आइएएस अधिकारी अशोक खेमका का स्थानातरण कर दिया। उधर, कुछ अज्ञात लोगों द्वारा खेमका को फोन पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा एवं डीएलएफ के बीच हुई भूमि समझौते की जांच का आदेश देने के कुछ घटों के भीतर ही हरियाणा सरकार ने आईजी रजिस्ट्रेशन आइएएस अधिकारी अशोक खेमका का स्थानातरण कर दिया। उधर, कुछ अज्ञात लोगों द्वारा खेमका को फोन पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है।
अशोक खेमका के निकटस्थ मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता के अनुसार खेमका को अज्ञात लोगों के धमकी भरे फोन आ रहे हैं और जिसमे उन्हें अपनी गतिविधियों पर लगाम लगाने की चेतावनी दी जा रही है। बात नहीं मानने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। फोन के माध्यम से यहां तक कहा जा रहा है कि अपराध जगत के लोगों को उनके नाम की सुपारी तक दे दी गई है।
उल्लेखनीय है कि खेमका ने डीएलफ-वाड्रा के बीच हरियाणा के चार जिलों गुड़गाव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात में हुई भूमि की क्रय-बिक्री की जाच आरंभ करवाई थी। उन्होंने 15 अक्टूबर को ही मानेसर-शिकोहपुर की उस साढ़े तीन एकड़ भूमि का उत्परिवर्तन रद्द किया था, जिसे वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने डीएलएफ को 58 करोड़ में बेचा था। जाच में इस सौदे में अनियमितता पाई गई थी। भू समझौते को रद्द करने वाले अभिलेख बताते हैं कि भूमि बिक्री के पत्रों पर अनधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर पाए गए हैं। विगत 21 वर्षों में खेमका का 40 बार स्थानांतरण हो चुका है।जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
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Oct 14, 2012
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Sunday, October 14, 2012
चाणक्य सूत्र से ठिठोली ?
चाणक्य सूत्र से ठिठोली ?
आपने चाणक्य सूत्र बताया, हमने माना | प्र. मं., सेनापति या गुप्चार विभाग प्रमुख के पद किसी विदेशी अथवा उसकी पत्नी को तो नहीं दिए | किन्तु बड़ी चतुराई से उन सब पर ऐसी कठपुतलियां बैठाई हैं; जिनकी नकेल विदेशी महिला के हाथ में है | सबने देखी, इनकी चतुराई | ये निगोड़े, ये निगोड़े, व इनकी चतुराई ? क्यों किसी की समझ न आई ? - तिलक संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611,
जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
Oct 13, 2012 (days) 667 Thanks all.
आपने चाणक्य सूत्र बताया, हमने माना | प्र. मं., सेनापति या गुप्चार विभाग प्रमुख के पद किसी विदेशी अथवा उसकी पत्नी को तो नहीं दिए | किन्तु बड़ी चतुराई से उन सब पर ऐसी कठपुतलियां बैठाई हैं; जिनकी नकेल विदेशी महिला के हाथ में है | सबने देखी, इनकी चतुराई | ये निगोड़े, ये निगोड़े, व इनकी चतुराई ? क्यों किसी की समझ न आई ? - तिलक संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611,
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Saturday, October 13, 2012
हम इतने नहीं महान हैं ?....
हम इतने नहीं महान हैं ?....
किसी कवि ने लिखा, आश्चर्य चकित रह गया ।
सहस्त्रों ऋषि मुनियों सा, इन्सान ये कह गया ?
अब तो मजहब कोई, ऐसा भी चलाया जाए ,सहस्त्रों ऋषि मुनियों सा, इन्सान ये कह गया ?
जिसमें इनसान को, इनसान बनाया जाए !!
इसे देखके मन ये बोला, कुछ ऐसा लिखा जाये ।
तम के गम को मिटा के निज उजियारा फैलाये ।
नकली आभूषण असली से बढ़के बिक जाते हैं ।
इसे देख के हम, नकली के लोभी बनते जाते हैं ।
असली हीरा खोने पर, कोई नकली नहीं बनवाता ।
धरती अम्बर एक किया तो खोज उसी को लाता ।
भारत का है सत्य खो गया, उसे खोज कर लाना ।
छद्म रचे से मूल है उत्तम, व भारतवंशी कहलाना ।
श्रेष्ठ था जो भी था अपना, अब रह गया है सपना ।
नालंदा तक्षशिला जला कर, मिटा जो था अपना ।
अब नकली को पढ़ना होता, नकली राह दिखाता ।
न असली खाने को ही है, नकली सब होता जाता ।
कोई देवी देवता नहीं हम , न ही कोई भगवान हैं ।
सत्य की राह पर चलते हुए , बस इक , इन्सान हैं ।
तम के गम को मिटा के निज उजियारा फैलाये ।
नकली आभूषण असली से बढ़के बिक जाते हैं ।
इसे देख के हम, नकली के लोभी बनते जाते हैं ।
असली हीरा खोने पर, कोई नकली नहीं बनवाता ।
धरती अम्बर एक किया तो खोज उसी को लाता ।
भारत का है सत्य खो गया, उसे खोज कर लाना ।
छद्म रचे से मूल है उत्तम, व भारतवंशी कहलाना ।
श्रेष्ठ था जो भी था अपना, अब रह गया है सपना ।
नालंदा तक्षशिला जला कर, मिटा जो था अपना ।
अब नकली को पढ़ना होता, नकली राह दिखाता ।
न असली खाने को ही है, नकली सब होता जाता ।
कोई देवी देवता नहीं हम , न ही कोई भगवान हैं ।
सत्य की राह पर चलते हुए , बस इक , इन्सान हैं ।
सीधे सादे सच्चे रह सकें, बस इतना ही तो ज्ञान है ।
धार्मिक हैं, किन्तु नया धर्म रचें ? न ऐसे महान हैं ।
हम इतने नहीं महान हैं ....
तिलक संपादक युग दर्पण मीडिया समूह 9911111611,जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है |
Wednesday, May 16, 2012
17, मई 2012 आज 17 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन
माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, ....माँ, तेरी याद बहुत आती है।
माँ, इन 2 वर्षों में दामाद और बहु भी हो गए हैं शीघ्र ही अगली पीडी भी हो जाएगी। दामाद- सिद्धार्थ है, तथा बहू शालिमा है। तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611, 9654675533.
जीवन ठिठोली नहीं,जीने का नाम है!
Tuesday, May 8, 2012
वैचारिक क्रांति द्वारा व्यापक परिवर्तन का शंखनाद
वन्दे मातरम,
व्यावसायिक पत्रकारिता सौम्य सार्थक नहीं रही;
सूचनाएं मूल्यजनक बनी मूल्यपरक नहीं रहीं;
समाज, व्यवस्था, जीवन शैली स्वस्थ नहीं रहे;
कपटपूर्ण प्रदर्शन ही है, मन की पवित्रता नहीं रही;
सुधार समर्पित पत्रकारिता हमारा पवित्र मिशन है !..
मित्रों, युग दर्पण मीडिया समूह द्वारा विविध विषयों के 25 ब्लाग, आर्कुट, फेसबुक, व उन पर समुदाय व समूहों तथा ट्विटर के अतिरिक्त 4 यूसर चैनलों का अंतर ताने पर महाजाल ! आपको आमंत्रित करता है:- वैचारिक क्रांति द्वारा आओ हम सब मिलकर मा. जय प्रकाश नारायण की कल्पना का व्यापक परिवर्तन करते भारत को सशक्त,समर्थ व स्वावलंबी तथा संपन्न बनायें ! जय भारत.
-तिलक, संपादक युग दर्पण मिडिया समूह, ..
9911111611, 9654675533. website:- www. yugdarpan.co.cc
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण
जीवन ठिठोली नहीं,जीने का नाम है!
वन्दे मातरम,
व्यावसायिक पत्रकारिता सौम्य सार्थक नहीं रही;
सूचनाएं मूल्यजनक बनी मूल्यपरक नहीं रहीं;
समाज, व्यवस्था, जीवन शैली स्वस्थ नहीं रहे;
कपटपूर्ण प्रदर्शन ही है, मन की पवित्रता नहीं रही;
सुधार समर्पित पत्रकारिता हमारा पवित्र मिशन है !..
मित्रों, युग दर्पण मीडिया समूह द्वारा विविध विषयों के 25 ब्लाग, आर्कुट, फेसबुक, व उन पर समुदाय व समूहों तथा ट्विटर के अतिरिक्त 4 यूसर चैनलों का अंतर ताने पर महाजाल ! आपको आमंत्रित करता है:- वैचारिक क्रांति द्वारा आओ हम सब मिलकर मा. जय प्रकाश नारायण की कल्पना का व्यापक परिवर्तन करते भारत को सशक्त,समर्थ व स्वावलंबी तथा संपन्न बनायें ! जय भारत.
-तिलक, संपादक युग दर्पण मिडिया समूह, ..
9911111611, 9654675533. website:- www. yugdarpan.co.cc
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण
जीवन ठिठोली नहीं,जीने का नाम है!
Saturday, April 28, 2012
Record shows a Good Global Traffic on all my blogs, but no comments since long. How can we give you Good Posts of your Likings without it, so you get disappointed. Pl. do comment each time, you visit the Blog. Tilak.
विश्व के 50 से अधिक देशों के पाठकों का आवागमन तो दिखता है, पाठक संख्या भी 5000 हो गई किन्तु आपकी टिप्पणी न होने से हम आपकी रूचि से अवगत नहीं हो पाते, अच्छी सामग्री की कमी से आपको निराशा न हो अत: टिप्पणी अवश्य करें.
देश की मिटटी की सुगंध, भारतचौपाल! तिलक 9911111611 ,9654675533 .
जीवन ठिठोली नहीं,जीने का नाम है!
Saturday, March 31, 2012
श्री राम नवमी की कोटि कोटि हिदू समाज सहित आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं.....

लाखों वर्ष पूर्व त्रेता युग में जब श्राप जनित रावण कुम्भकरण व् पुत्र मेघनाद, अक्षय सहित अपनी असीम अजेय मायावी शक्तियों से मदांध हो चुका था और उसके दुष्ट सिपाहियों से त्रस्त मानवता त्राहि त्राहि कर उठी थी; नगर ही नहीं जंगलों में रहते ऋषि मुनि भी यज्ञ साधना नहीं कर पाते थे !
ऐसे में चैत्र शुक्ल नवमी के दिन अयोध्या के महाप्रतापी महाराजा दशरथ की महारानी कौशल्या के पुत्र के रूप में भगवन विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम अवतरित हुए ! चैत्र शुक्ल के शक्ति पूजन का नोवां दिन होने तथा श्री राम का जन्म होने से इसे राम नवमी के नाम से जाना जाता है !
उत्तर प्रदेश के अयोध्या, आंध्र प्रदेश के भद्राचलम ,तमिलनाडु के रामेश्वरम में इस अवसर पर विशेष आयोजनों सहित पूरे देश ही नहीं विश्व में जहाँ भी हिन्दू समाज है 9 दिन के व्रत उपवास पूजा पाठ के बाद इस दिन श्री राम लक्ष्मण माता सीता व् हनुमानजी की रथ यात्रा धूम धाम से निकाली जाती है तथा प्रसाद लंगर की व्यवस्था भी होती है !
तिलक राज रेलन, संपादक युग दर्पण , 09911111611, 9654675533.
Friday, March 30, 2012
हो रहा भारत निर्माण, क्या सचमुच (बेहिसाब,बेलगाम,घोटालों में)?
वो अपनी जगह ठीक कह रहे हैं, उनके स्विस खाते और इटली ही उनका भारत है तब स्विस खाते का पेट जितना फूलेगा और इटली के विकास में ही उनको भारत का विकास और निर्माण दिखे तो इसमें गलत क्या है ? हा हा हा; ....और विज्ञापन के नाम पर मीडिया को उसका हिस्सा मॉल गया तो जनता को भी वही दिखाया जायेगा ! ऐसा कब तक चलेगा, देश बिकता रहे, बिकाऊ मीडिया की घुट्टी पी पी कर जनता सोती रहेगी ? एक सार्थक विकल्प युगदर्पण के साथ जुड़कर उसे सशक्त व् सफल बनाकर हम भारत और भारतीयता को बचा सकते हैं.
युग दर्पण 2001 से राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचारपत्र है, 2007 से हरयाणा सरकार से मान्यता प्राप्त ! सभी विविध विषयों का राष्ट्र व् समाज हित सर्वोपरि आधारित सार्थक,सटीक,सुस्पष्ट,सुरुचिपूर्ण,स्वस्थ,सोम्य,संस्कारयुक्त इसे राष्ट्र व्यापी जन जन का लोकप्रिय दैनिक बनाने में आपका सहयोग वांछित है !
देश की श्रेष्ठ प्रतिभा,प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण की परिणति दर्शाने का प्रयास
-तिलक संपादक युगदर्पण 9911111611, 9654675533.
जीवन ठिठोली नहीं,जीने का नाम है!
देश की श्रेष्ठ प्रतिभा,प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण की परिणति दर्शाने का प्रयास
-तिलक संपादक युगदर्पण 9911111611, 9654675533.
जीवन ठिठोली नहीं,जीने का नाम है!
Sunday, March 25, 2012
अंग्रेजी का नव वर्ष भले हो मनाया,
उमंग उत्साह चाहे हो जितना दिखाया;
विक्रमी संवत बढ़ चढ़ के मनाएं,
चैत्र के नवरात्रे जब जब आयें।
घर घर सजाएँ उमंग के दीपक जलाएं;
खुशियों से ब्रहमांड तक को महकाएं।
यह केवल एक कैलेंडर नहीं, प्रकृति से सम्बन्ध है;
इसी दिन हुआ सृष्टि का आरंभ है।
तदनुसार 23 मार्च 2012, इस धरा की 1955885113वीं वर्षगांठ तथा इसी दिन सृष्टि का शुभारंभ हुआ.आज के दिन का महात्य -
1.भगवन राम का राज्याभिषेक. 2.युधिस्ठिर संबत की शुरूवात.3 .बिक्रमादित्य का दिग्विजय. 4.बासंतिक नवरात्र की शुरूवात.5 .शिवाजी महाराज की राज्याभिषेक.6 .राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवर जी का जन्मदिन.
ईश्वर हम सबको ऐसी इच्छा शक्ति प्रदान करे जिससे हम अखंड माँ भारती को जगदम्बा का स्वरुप प्रदान करे, धरती मां पर छाये वैश्विक ताप रुपी दानव को परास्त करे... और सनातन धर्म का कल्याण हो..
युगदर्पण परिवार की ओर से अखिल विश्व में फैले हिन्दू समाज सहित,चरअचर सभी के लिए गुडी पडवा, उगादी,
नव संवत 2069 ,चैत्र प्रतिपदा की शुभकामनाएं।
जय भबानी ,जय श्री राम,भारत माता की जय.
तिलक संपादक युगदर्पण. .
तिलक संपादक युगदर्पण. .
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण
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